भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम पर फिर मंडराया संकट, सीमा पर बढ़ा तनाव
भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्षविराम के बावजूद सीमा पर गोलीबारी और तनाव फिर से बढ़ने लगे हैं।

पृष्ठभूमि: पहलगाम आतंकी हमले ने बढ़ाया तनाव
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पहलगाम में हुए एक भयावह आतंकी हमले में 28 हिंदू तीर्थयात्रियों की जान चली गई। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया और इसकी ज़िम्मेदारी पाकिस्तान-आधारित आतंकी समूहों पर मढ़ी गई।
भारत सरकार ने इस घटना को "सीधी उकसावे की कार्रवाई" बताते हुए इसका कड़ा जवाब देने की घोषणा की। इसके बाद पूरे क्षेत्र में सैन्य तैयारियाँ तेज़ हो गईं।
भारत की जवाबी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर
भारत ने आतंकियों के खिलाफ "ऑपरेशन सिंदूर" नाम से सैन्य कार्रवाई शुरू की। इसके तहत भारतीय वायुसेना और मिसाइल यूनिट्स ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर निशाना साधा।
भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इस ऑपरेशन में कई आतंकी लॉन्चपैड और हथियारों के डिपो नष्ट किए गए।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: ऑपरेशन बुनियान-उल-मरसोस
भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भी अपनी जवाबी रणनीति के तहत "ऑपरेशन बुनियान-उल-मरसोस" शुरू किया। पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पास भारतीय चौकियों को निशाना बनाया, जिससे दोनों देशों के बीच सीधी टकराव की स्थिति बन गई।
संघर्षविराम की घोषणा – पर क्या यह टिकेगा?
कूटनीतिक प्रयासों के तहत अमेरिका की मध्यस्थता से 10 मई 2025 को संघर्षविराम की घोषणा की गई। दोनों देशों ने आपसी सैन्य टकराव से बचने का संकल्प लिया।
हालाँकि, संघर्षविराम के कुछ ही घंटों बाद जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों — विशेष रूप से राजौरी, पुंछ और उड़ी सेक्टर — में गोलाबारी और धमाकों की खबरें सामने आईं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मीडिया को बताया कि "सीमा पार से लगातार छोटे हथियारों से गोलीबारी और ड्रोन गतिविधियां देखी गई हैं, जो संघर्षविराम की भावना के विपरीत है।"
भारत की अंतरराष्ट्रीय अपील
भारत ने संयुक्त राष्ट्र और G20 देशों से अपील की है कि वे पाकिस्तान को "आतंकी संगठनों को समर्थन देने से रोकने" के लिए दबाव बनाएं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने कश्मीर दौरे के दौरान कहा:
“अगर पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को असुरक्षित तरीके से संचालित करता है और आतंकियों को संरक्षण देता है, तो यह केवल दक्षिण एशिया ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है।”
पाकिस्तान की स्थिति और जवाब
पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संघर्षविराम उल्लंघन में "पहली गोली भारत ने चलाई" और उन्होंने केवल "आत्मरक्षा" की है।
इस्लामाबाद में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का रवैया "आक्रामक और गैर-जिम्मेदाराना" है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
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अमेरिका, फ्रांस और रूस ने द्विपक्षीय बातचीत का समर्थन किया है।
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चीन ने तटस्थता बनाए रखते हुए क्षेत्रीय शांति की आवश्यकता पर बल दिया है।
आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले सप्ताह दोनों देशों के लिए निर्णायक होंगे। अगर सीमा पर गोलीबारी और ड्रोन हमले नहीं थमे, तो यह संघर्षविराम लंबे समय तक नहीं टिक पाएगा।
भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। ऐसे में मामूली झड़पें भी व्यापक युद्ध में बदल सकती हैं।
निष्कर्ष
भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की घोषणा ने क्षेत्रीय शांति की एक उम्मीद जरूर जगाई थी, लेकिन मौजूदा हालात इस प्रयास पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अब यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय और दोनों देशों की राजनीतिक इच्छाशक्ति पर निर्भर है कि वे इस संकट को टालकर शांति की ओर बढ़ सकें।
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