ऑपरेशन सिंदूर: भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई

ऑपरेशन सिंदूर, भारत की आतंकवाद के खिलाफ एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई, जिसमें 7 मई 2025 को पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इस लेख में जानें ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी, इसके कारण, लक्ष्य, और प्रभाव।

May 11, 2025 - 10:09
May 13, 2025 - 13:01
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ऑपरेशन सिंदूर: भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
Operation Sindoor, a decisive Indian military strike against terrorism, destroyed 9 terrorist camps in Pakistan and PoK on May 7, 2025. Explore the full story of Operation Sindoor, its causes, objectives, and impacts in this detailed article.

परिचय: ऑपरेशन सिंदूर क्या है?

ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) भारतीय सशस्त्र सेनाओं द्वारा 6-7 मई 2025 की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों के खिलाफ की गई एक सटीक और सुनियोजित सैन्य कार्रवाई का कोडनेम है। यह अभियान 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर हिंदू पर्यटक थे। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था, और भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया।

यह ऑपरेशन भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त प्रयासों का परिणाम था, जिसने 25 मिनट के भीतर 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। ऑपरेशन का नाम "सिंदूर" इसलिए रखा गया क्योंकि पहलगाम हमले में आतंकियों ने मुख्य रूप से पुरुषों को निशाना बनाया था, जिससे कई महिलाएं विधवा हो गई थीं। सिंदूर, जो हिंदू परंपरा में सुहाग का प्रतीक है, इस ऑपरेशन के जरिए उन विधवाओं के दर्द का बदला लेने का संदेश देता है।


कैप्शन: ऑपरेशन सिंदूर की घोषणा के साथ भारतीय सेना द्वारा जारी प्रतीकात्मक चित्र, जिसमें सिंदूर का बिखरा हुआ जार दिखाया गया, जो खून से सना प्रतीत होता है।


पहलगाम आतंकी हमला: ऑपरेशन सिंदूर का कारण

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बाइसारन घास के मैदान में आतंकियों ने एक क्रूर हमला किया। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर हिंदू पुरुष थे, जिनमें नवविवाहित जोड़े भी शामिल थे। आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, हालांकि बाद में उन्होंने इससे इनकार किया।

इस हमले ने भारत में व्यापक आक्रोश पैदा किया। खासकर, हिमांशी नरवाल की तस्वीर, जो अपने पति, नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के शव के पास बैठी थीं, ने पूरे देश को भावुक कर दिया। इस हमले में कई नवविवाहित पुरुषों की मौत ने महिलाओं के सिंदूर को छीन लिया, जिसने ऑपरेशन के नाम को और प्रासंगिक बना दिया।


कैप्शन: पहलगाम आतंकी हमले के बाद की एक मार्मिक तस्वीर, जिसमें हिमांशी नरवाल अपने पति के शव के पास बैठी हैं।


ऑपरेशन सिंदूर का समय और कार्यान्वयन

ऑपरेशन सिंदूर 6-7 मई 2025 की रात 1:05 बजे से 1:30 बजे तक चला। इस 25 मिनट के अभियान में भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों ने स्कैल्प मिसाइलों और AASM हैमर ग्लाइड बमों का उपयोग किया। ऑपरेशन में कुल 24 मिसाइलें दागी गईं, जिन्होंने 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया।

ऑपरेशन की योजना इतनी गोपनीय और सटीक थी कि सभी भारतीय पायलट और सैनिक सुरक्षित वापस लौटे। भारतीय सेना ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को जानबूझकर टाला गया ताकि युद्ध की स्थिति से बचा जा सके।


कैप्शन: ऑपरेशन सिंदूर में उपयोग किए गए भारतीय वायुसेना के राफेल विमान।


निशाने पर आए आतंकी ठिकाने

ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिनमें से 4 पाकिस्तान में और 5 पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में थे। ये ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े थे। निम्नलिखित प्रमुख लक्ष्य थे:

  1. मार्कज सुभान अल्लाह, बहावलपुर (पाकिस्तान): जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और प्रशिक्षण केंद्र। यह 2019 के पुलवामा हमले की योजना बनाने में शामिल था।

  2. सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद (PoK): जैश-ए-मोहम्मद का प्रशिक्षण केंद्र।

  3. गुलपुर आतंकी कैंप, कोटली (PoK): लश्कर-ए-तैयबा का नियंत्रण केंद्र, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पुनर्जनन के लिए इस्तेमाल होता था।

  4. महमूना जोया कैंप, सियालकोट (पाकिस्तान): हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र।

  5. मुरीदके (पाकिस्तान): लश्कर-ए-तैयबा का महत्वपूर्ण ठिकाना।

  6. शकरगढ़ (पाकिस्तान): आतंकी प्रशिक्षण और लॉन्चपैड।

  7. बाघ (PoK): आतंकी गतिविधियों का केंद्र।

  8. भिंबेर (PoK): आतंकी प्रशिक्षण शिविर।

  9. सवाईनाला कैंप, मुजफ्फराबाद (PoK): लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र।

इन ठिकानों पर हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकी सरगनाओं के शिविर भी शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में लगभग 80-100 आतंकवादी मारे गए।


कैप्शन: ऑपरेशन सिंदूर के बाद बहावलपुर के मार्कज सुभान अल्लाह आतंकी ठिकाने की सैटेलाइट तस्वीर।


ऑपरेशन सिंदूर का नाम और उसका महत्व

ऑपरेशन का नाम "सिंदूर" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सुझाया गया था। यह नाम पहलगाम हमले में विधवा हुई महिलाओं के दर्द को दर्शाता है, जिनके पतियों को आतंकियों ने निशाना बनाया था। हिंदू परंपरा में सिंदूर विवाहित महिलाओं के लिए उनके पति की लंबी उम्र का प्रतीक है। इस हमले में कई महिलाओं का सिंदूर छिन गया था, और ऑपरेशन सिंदूर उनके आंसुओं का हिसाब लेने का प्रतीक था।

साथ ही, एक वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता ने दावा किया कि "सिंदूर" अंग्रेजी में Strategic Initiative for Neutralizing Destructive Opponents with Overwhelming Retaliation का संक्षिप्त रूप हो सकता है, जिसका हिंदी में अर्थ है "विनाशकारी दुश्मनों को भारी प्रतिशोध से बेअसर करने की रणनीतिक पहल।" हालांकि, इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।


ऑपरेशन की रणनीति और हथियार

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पीछे भारतीय सेना की सटीक योजना और उन्नत तकनीक थी। प्रमुख हथियारों में शामिल थे:

  • राफेल विमान: भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों ने ऑपरेशन में मुख्य भूमिका निभाई।

  • स्कैल्प मिसाइल: लंबी दूरी की सटीक मिसाइल, जो गहरे लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है।

  • AASM हैमर ग्लाइड बम: अत्यधिक सटीक और विनाशकारी।

  • नागास्त्र ड्रोन: आतंकी ठिकानों की निगरानी और हमले के लिए।

  • S-400 वायु रक्षा प्रणाली: पाकिस्तानी ड्रोनों और मिसाइलों को रोकने के लिए।

ऑपरेशन की योजना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ मिलकर बनाई गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी रात ऑपरेशन पर नजर रखी।


पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और परिणाम

पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर को "युद्ध की कार्रवाई" करार दिया और दावा किया कि भारतीय हमलों में 31 नागरिक मारे गए, जिनमें एक बच्चा भी शामिल था। पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पुंछ, उरी और अन्य क्षेत्रों में भारी गोलाबारी की गई। इस गोल 12 नागरिकों और एक सैनिक की मौत हो गई, जबकि 51 अन्य घायल हुए।

पाकिस्तान ने 10 मई को ऑपरेशन बुनयान अल-मरसूस नाम से जवाबी हमले शुरू किए, जिसमें भारतीय शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए। हालांकि, भारत की S-400 प्रणाली ने इनमें से कई हमलों को विफल कर दिया।


कैप्शन: पाकिस्तानी गोलाबारी के बाद जम्मू-कश्मीर के उरी में क्षतिग्रस्त एक घर।


भारत की तैयारियां और सुरक्षा उपाय

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने कई सुरक्षा उपाय किए:

  • हवाई अड्डों का बंद होना: जम्मू, श्रीनगर, लेह, अमृतसर, चंडीगढ़ सहित 21 हवाई अड्डे 15 मई तक बंद रहे।

  • स्कूलों की छुट्टी: राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्कूल बंद किए गए।

  • साइबर सुरक्षा: बैंकों ने साइबर हमलों से बचने के लिए अपनी सुरक्षा बढ़ाई।

  • मॉक ड्रिल: कई शहरों में ब्लैकआउट और निकासी अभ्यास किए गए।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

ऑपरेशन सिंदूर ने वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं:

  • यूके: सांसद प्रीति पटेल ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की अपील की।

  • अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों से संयम बरतने को कहा।

  • तुर्की: राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन ने नागरिक हताहतों पर चिंता जताई।


निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है। यह न केवल एक सैन्य सफलता थी, बल्कि एक भावनात्मक संदेश भी था, जो पहलगाम हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए न्याय की मांग करता था। इस ऑपरेशन ने भारत की सैन्य ताकत, रणनीतिक योजना और नैतिक संयम को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया।

हालांकि, इसने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है, और भविष्य में दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करना एक चुनौती होगी। ऑपरेशन सिंदूर भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज हो चुका है, जो न केवल सैन्य शक्ति, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को भी दर्शाता है।

आपके विचार: क्या आपको लगता है कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को और मजबूत करेगा? नीचे कमेंट करें!

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