12 मई 2025 की एक सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय खबर:
India Pakistan conflict 2025

1. आतंकवादी हमला: पहल्गाम की त्रासदी (22 अप्रैल)
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कश्मीर के पहल्गाम क्षेत्र में एक बड़ा आत्मघाती हमला हुआ।
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इस हमले में 28 हिंदू तीर्थयात्रियों की मौत हुई और कई घायल हुए।
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हमले की ज़िम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने आधिकारिक रूप से नहीं ली, लेकिन प्रारंभिक जांच में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका की आशंका जताई गई।
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हमले की टाइमिंग और टारगेटिंग ने देशभर में आक्रोश फैला दिया।
✈️ 2. भारत की जवाबी कार्रवाई: "ऑपरेशन सिंदूर"
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भारत सरकार ने इस हमले को एक "क्रॉस-बॉर्डर टेरर अटैक" माना और तुरंत सैन्य प्रतिक्रिया की योजना बनाई।
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23-24 अप्रैल को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (PoK) और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित आतंकी ठिकानों पर ड्रोन और एयरस्ट्राइक किए।
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इस ऑपरेशन को नाम दिया गया: "ऑपरेशन सिंदूर" – यह नाम शहीद श्रद्धालुओं की स्मृति में चुना गया।
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प्रमुख टारगेट्स:
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जैश-ए-मोहम्मद का प्रशिक्षण केंद्र (मिरपुर)
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लश्कर का गुप्त हथियार डिपो (मांगा और मुजफ्फराबाद)
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🚀 3. पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई: "ऑपरेशन बुनीयन अल-मरसूश"
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पाकिस्तान ने भारत की इस कार्रवाई को अपनी संप्रभुता पर हमला बताया।
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25 अप्रैल को पाकिस्तान ने "ऑपरेशन बुनीयन अल-मरसूश" के अंतर्गत भारत के कई शहरों पर जवाबी हमले किए।
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इन हमलों में ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, और ये भारत की नागरिक आबादी को टारगेट कर रहे थे।
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प्रमुख हिट ज़ोन:
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नई दिल्ली – दक्षिणी जिले में मिसाइल गिरने की खबर
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पठानकोट – सैन्य बेस के पास ड्रोन हमला
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जम्मू – नागरिक क्षेत्र में विस्फोट
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⚠️ 4. ड्रोन युद्ध: पहली बार दो परमाणु संपन्न देशों में
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यह संघर्ष इसलिए और अधिक गंभीर हो गया क्योंकि पहली बार भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन युद्ध देखा गया।
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दोनों देशों ने लंबी दूरी की मिसाइलों और हाई-टेक ड्रोन का उपयोग किया – जिससे सीमा के दोनों ओर भारी जान-माल की क्षति हुई।
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स्थिति की गंभीरता इस कारण भी बढ़ी क्योंकि दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं।
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युद्ध के डिजिटल आयाम:
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साइबर हमले की भी कुछ घटनाएं सामने आईं
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ड्रोन GPS जैमिंग और एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी की तैनाती
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🌐 5. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और युद्धविराम
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वैश्विक समुदाय ने इस संघर्ष को लेकर तुरंत प्रतिक्रिया दी।
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संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और रूस ने सीज़फायर के लिए राजनयिक प्रयास तेज़ किए।
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27 अप्रैल को एक "अस्थायी युद्धविराम" घोषित किया गया जिसमें दोनों देशों ने आक्रामक कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई।
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हालांकि, यह युद्धविराम बहुत नाजुक स्थिति में है और इसका उल्लंघन किसी भी समय हो सकता है।
🧭 6. वर्तमान स्थिति: तनावपूर्ण शांति और भविष्य की आशंकाएं
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युद्धविराम लागू होने के बावजूद सीमा पर सैन्य तैनाती और गश्त में बढ़ोतरी हुई है।
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दोनों देशों के बीच राजनयिक संवाद ठप है, और एक-दूसरे पर अविश्वास चरम पर है।
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मीडिया, सोशल मीडिया और राजनीतिक मंचों पर रणनीतिक बयानबाज़ी जारी है।
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विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर कोई और उकसाने वाली घटना हुई, तो यह स्थिति दोबारा युद्ध में बदल सकती है।
📌 निष्कर्ष (Conclusion):
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यह टकराव न सिर्फ क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है, बल्कि वैश्विक स्थिरता को भी प्रभावित कर सकता है।
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दोनों देशों के लिए राजनयिक संवाद और आत्मसंयम आवश्यक है।
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अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लगातार हस्तक्षेप करते रहना होगा ताकि यह युद्ध स्थायी न बन सके।
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