टैरिफ से नहीं डरेंगे: पुतिन से मुलाकात के बाद मलेशियाई प्रधानमंत्री का ट्रंप को दोटूक जवाब
पुतिन से मुलाकात के बाद मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि मलेशिया आर्थिक दबाव में नहीं झुकेगा।

मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने ट्रंप की टैरिफ नीति पर
कड़ा रुख अपनाया
कुआलालंपुर, मई 2025 — मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए नए टैरिफ्स पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मलेशिया इन टैरिफ्स के बावजूद अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा और अमेरिका की नीतियों के आगे झुकेगा नहीं।
टैरिफ्स का प्रभाव और मलेशिया की प्रतिक्रिया
अमेरिका ने मलेशिया से आयातित अधिकांश उत्पादों पर 24% तक के टैरिफ्स लगाए हैं, जिससे मलेशिया की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा है। प्रधानमंत्री अनवर ने कहा कि मलेशिया इन टैरिफ्स के बावजूद मंदी का सामना नहीं करेगा और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहेगी।
आसियान देशों के साथ समन्वय
मलेशिया, आसियान (ASEAN) का अध्यक्ष होने के नाते, क्षेत्रीय देशों के साथ मिलकर अमेरिका की टैरिफ नीति के खिलाफ एक संयुक्त प्रतिक्रिया तैयार कर रहा है। अनवर ने इंडोनेशिया और वियतनाम के नेताओं के साथ बातचीत की है ताकि एक समन्वित रणनीति बनाई जा सके।
रूस और चीन के साथ व्यापारिक संबंधों का विस्तार
प्रधानमंत्री अनवर ने कहा कि मलेशिया अमेरिका के टैरिफ्स का मुकाबला करने के लिए रूस, चीन और ब्राजील जैसे देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मलेशिया अमेरिका के साथ टकराव नहीं चाहता, लेकिन अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद की टिप्पणी
मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने ट्रंप की टैरिफ नीति की आलोचना करते हुए कहा कि यह नीति अमेरिका के लिए ही नुकसानदायक होगी। उन्होंने ट्रंप को "पुरानी दुनिया में जीने वाला" बताया और कहा कि अमेरिकी जनता जल्द ही इस नीति के खिलाफ हो जाएगी।
निष्कर्ष
मलेशिया ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अमेरिका के टैरिफ्स के आगे नहीं झुकेगा और अपने व्यापारिक संबंधों को विविधता प्रदान करके अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की नेतृत्व में मलेशिया एक संतुलित और सक्रिय विदेश नीति अपना रहा है, जो देश के दीर्घकालिक हितों की रक्षा करेगी।
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