पाकिस्तान को समर्थन देने पर कैट ने तुर्किए और अज़रबैजान के उत्पादों के बहिष्कार की अपील की
भारतीय व्यापारी संगठन कैट ने राष्ट्रहित में तुर्किए और अज़रबैजान के खिलाफ व्यापारिक बहिष्कार अभियान शुरू करने की घोषणा की है।

कैट ने पाकिस्तान को समर्थन देने पर तुर्किए और
अज़रबैजान के बहिष्कार की अपील की
नई दिल्ली, 16 मई 2025
1. व्यापारिक संगठन कैट की बड़ी घोषणा
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने गुरुवार को तुर्किए (पहले तुर्की) और अज़रबैजान के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए इन दोनों देशों के उत्पादों के बहिष्कार की अपील की है। यह कदम दोनों देशों द्वारा पाकिस्तान को लगातार समर्थन देने के विरोध में उठाया गया है, जिसे भारत विरोधी गतिविधियों के रूप में देखा जा रहा है।
2. पाकिस्तान को समर्थन पर विरोध
कैट का कहना है कि तुर्किए और अज़रबैजान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का खुला समर्थन किया है, विशेषकर कश्मीर मुद्दे पर, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ जाता है। संगठन का मानना है कि यह भारत के आत्मसम्मान और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है।
3. व्यापारिक बहिष्कार की रणनीति
CAIT ने कहा है कि वह देशभर के 8 करोड़ व्यापारियों और 40,000 से अधिक व्यापार संगठनों से संपर्क कर इन दोनों देशों के उत्पादों को न बेचने की अपील करेगा। साथ ही, उपभोक्ताओं को भी जागरूक किया जाएगा कि वे तुर्किए और अज़रबैजान में निर्मित वस्तुओं का बहिष्कार करें।
4. किन वस्तुओं का होगा बहिष्कार?
कैट ने स्पष्ट किया कि तुर्किए और अज़रबैजान से आयातित वस्तुओं में मुख्यतः इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, घरेलू सजावटी वस्तुएं, परफ्यूम, मशीनरी, किचन आइटम और कुछ खाद्य उत्पाद शामिल हैं। इन सभी वस्तुओं के विकल्प भारत और मित्र देशों से प्राप्त किए जा सकते हैं।
5. सरकार से अपील
कैट ने भारत सरकार से अपील की है कि तुर्किए और अज़रबैजान से व्यापारिक संबंधों की समीक्षा की जाए और दोनों देशों से आयात पर सीमित करने या प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जाए। इसके अलावा, भारत के व्यापारी संगठनों को इन देशों से किसी भी प्रकार के नए व्यापार समझौते से परहेज करने की सलाह दी गई है।
6. ‘वोकल फॉर लोकल’ को मिलेगा बढ़ावा
कैट का मानना है कि इस बहिष्कार से भारत में बने उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए 'वोकल फॉर लोकल' अभियान को नई ऊर्जा मिलेगी। यह न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि विदेशी निर्भरता भी कम करेगा।
7. अतीत में भी उठाए गए ऐसे कदम
गौरतलब है कि कैट पहले भी चीन के खिलाफ व्यापक बहिष्कार अभियान चला चुका है, जिससे चीन से आयात में कमी आई थी। अब वह तुर्किए और अज़रबैजान के खिलाफ उसी तरह का राष्ट्रवादी व्यापारिक आंदोलन शुरू करने की तैयारी में है।
8. निष्कर्ष
CAIT का यह कदम एक स्पष्ट संदेश है कि भारत में व्यापारिक संगठन अब केवल लाभ के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय हितों और सम्मान को प्राथमिकता देने लगे हैं। यदि यह अभियान व्यापक समर्थन पाता है, तो यह दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर भी असर डाल सकता है और भारत को एक सशक्त व्यापारिक संदेश देने में सफल होगा।
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