विशेष यंत्र और मंत्रोच्चार से हुई महायज्ञ की पूर्णाहुति

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मां कामाख्या सहस्त्र चण्डी 108 कुण्डीय महायज्ञ में हजारों भक्तों ने की प्रधान हवन कुण्ड की परिक्रमा 21 फरवरी को होगा मूर्तियों का विसर्जन

आगरा,20 फरवरी। सोनारी राजदरबार वालों के मैदान पर पिछले ग्यारह दिनों से चल रहे श्री मां कामाख्या महायज्ञ आज विशेष यंत्र और मंत्रोच्चार के साथ पूर्ण हुआ। पूर्णाहुति के समय हजारों भक्तों ने प्रधान हवन कुण्ड की संकल्प युक्त परिक्रमा लगाकर मां कामाख्या की अनुकम्पा प्राप्त की । आज पूरे महायज्ञ क्षेत्र में पहली बार मेला जैसा वातावरण बना । पूर्णाहुति के बाद मां को मोग लगाकर मन्डारा प्रसाद वितरण शुरु हुआ जो रात तक चलता रहा। अनुमान से अधिक (लगभग 35 हजार से अधिक ) श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की सोनारी पनवारी सहित आसपास के कई गांवों का सहयोग मिला। भागवत कथावाचक संजय शास्त्री ने भोजनालय में पहुंचकर प्रसादी तैयार करने वालों का हौसला बढ़ाते हुए उन्हें इनाम भी दिया । उनके साथ चौधरी यशपाल सिंह, गुड्डा प्रधान, सहित कई अन्य गणमान्य मौजूद रहे । मूर्तियों सहित यज्ञ स्थल के अन्य पूजित वस्तुओं का 21 फरवरी को यमुना जी में विसर्जन होगा । .

मां कामाख्या आयोजन सेवा समिति राजदरबार ग्रुप के सहयोग से सम्पन्न हुए महायज्ञ के लिए संत कीर्तिनाथ महाराज ने सभी के प्रति आभार जताया । श्री मुरारी प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि आयोजन समिति अध्यक्ष कान्ता प्रसाद अग्रवाल द्वारा साढ़े छह बीघा जमीन मां कामाख्या के मंदिर निर्माण के लिए रेणुका धाम में दान की गई है। जल्दी मंदिर निर्माण प्रारम्भ होगा। 

विभिन्न कार्यक्रमों मे आयोजन समिति के कान्ता प्रसाद अग्रवाल,  मुरारीप्रसाद अग्रवाल, अजय गोयल, राजदरबार ग्रुप के प्रमोटर ( मालिक ) वासुदेव गर्ग, पवन दीक्षित, अमित वार्ष्णेय, अजय चौहान, रमेश राय,  मनेन्द्र सिंह, वंदना मेड़तवाल, गुड्डा प्रधान, राहुल अग्रवाल, जयशिव छोकर, चौधरी यशपाल सिंह, शम्भूनाथ चौबे, मुकेश अग्रवाल  अवि गोयल, विक्रम सिंह राणा, मुन्ना मिश्रा, पवन भदौरिया, सुनील पाराशर, खेमसिंह पहलवान, डॉक्टर सुभाष सारथी, पीतम सिंह,मीना अग्रवाल, वीरेन्द्र मेड़तवाल, दिव्या मेढतवाल, सीमा गोयल, रीया  आदि का सहयोग बना रहा।

 संत कीर्तिनाथ जी महाराज से ली गुरुदीक्षा 

कामाख्या मंदिर आसाम के संत कीर्तिनाथ महाराज से यज्ञ मण्डप में आज राहुल अग्रवाल, पवन भदौरिया, अवि गोयल, सुनील पाराशर सपत्नीक, वीरेन्द्र मेढतवाल, जयशिव छोकर, वीरेद्र सिंह ने गुरुदीक्षा ली। कीर्तिनाथ महाराज ने नये बने शिष्यों को कान में गुरु मंत्र दिया। 

बुधवार को सुबह 9 बजे मां कामाख्या सहस्त्र चण्डी 108 कुण्डीय महायज्ञ में प्रतिष्ठत की गई मां कामाख्या की मूर्ति सहित अन्य सभी मूर्तियों को कैलाश घाट पर यमुना मैया में विसर्जित किया जाएगा। सभी मूर्तियां मिट्टी, धाम की फूस, बांस आदि से ईकोफ्रैंडली तैयार करायी गई थी, जिससे पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान न हो। मुर्ति विसर्जन के उपरान्त कन्या लांगुर को भोजन कराया जाएगा व कलश वितरण किया जाएगा।

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